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Guru Nanak Jayanti 2023 : गुरु नानक जयंती क्यों मनाई जाती है? गुरु नानक देव की संपूर्ण जीवन परिचय

Guru Nanak Jayanti 2023: दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं, गुरु नानक देव (Guru Nanak Dev) जी के बारे में। आखिर गुरु नानक देव जी है कौन और इतने बहुचर्चित क्यों हैं? और आज के दिन गुरु नानक देव जी की जयंती क्यों मनाई जाती है? आखिर इसका इतिहास क्या है? आपके इन सारे सवालों के जवाब इस आर्टिकल में आपको मिलने वाले हैं तो अगर आप गुरु नानक जयंती के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया इस आर्टिकल को पूरे अंत तक ध्यान पूर्वक पढ़े। ताकि आपको इससे रिलेटेड किसी भी प्रकार की डाउट ना हो।

Guru Nanak Jayanti 2023 : गुरु नानक जयंती क्यों मनाई जाती है? गुरु नानक देव की संपूर्ण जीवन परिचय


गुरु नानक देव का जीवन परिचय हिंदी में (Guru Nanak History In Hindi)

चलिए दोस्तों सबसे पहले हम जान लेते हैं गुरु नानक (Guru Nanak) जी का जीवन परिचय गुरु नानक जी का जन्म कहां हुआ इनका मृत्यु कहां हुआ उनके परिवार इसके बारे में पूरी विस्तार से जानते हैं। इसके तट पश्चात हम जानेंगे कि गुरु नानक देव  (Guru Nanak Dev) जी का जयंती क्यों मनाई जाती है?

गुरु नानक देव जी  (Guru Nanak Dev) का जन्म रवि नदी के किनारे तलवंडी नामक गांव में एक खत्री कल में हुआ था और इनका जन्म तिथि को लेकर आज भी इतिहासकारों में बहुत सारे मतभेद चलते रहते हैं। कुछ इतिहासकारों के अनुसार इनकी जन्म तिथि 15 अप्रैल 1470 है परंतु वर्तमान समय में उनकी जन्म तिथि कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। गुरु नानक देव जी के पिता का नाम मेहता कालू और माता का नाम तृप्ता देवी थी। और गुरु नानक देव जी की एक बड़ी बहन थी जिनकी नाम ननकी थी। अपनी बचपन में गुरु नानक देव जी ने कई प्रादेशिक भाषाएं जैसे फारसी और अरबी आदि का भी अध्ययन किया था।

बताया जाता है कि जब नानक देव  (Nanak Dev) जी 5 वर्ष के थे तब उनके पिता ने उन्हें हिंदी भाषा और वैदिक साहित्य का ज्ञान प्राप्त करने के लिए उन्हें पंडित गोपाल दास पांडे के पास भेज दिया था। गुरु नानक देव जी बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि और चंचल स्वभाव के थे। ऐसा माना जाए पंडित गोपाल दास बालक नानक देव जी की बुद्धिमत्ता और योग्यता से काफी ज्यादा प्रसन्न हुआ करते थ।

 एक दिन जब भी अभ्यास के दौरान नानक देव जी से ओम शब्द का उच्चारण करवा रहे थे तो बालक नानक देव जी ने उनसे ओम शब्द का अर्थ पूछ लिया पंडित गोपाल दास पांडे ने नानक को कहा कि ओम सर्व रक्षक परमात्मा का नाम है। बालक नानक ने गोपाल दास पांडे से कहा कि पंडित जी मेरी मां ने परमात्मा का नाम सत्य करतार बताया है। इस पर पंडित जी ने बालक नानक दास जी देव को कहा कि परमात्मा को हम अनेक नाम से पहचानते हैं इन दोनों शब्दों का अर्थ एक ही है।

गुरु नानक देव  (Guru Nanak Dev) जी सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु माने जाते हैं और बताते हैं कि गुरु नानक देव जी ने आध्यात्मिक शिक्षाओं की नींव राखी जिस पर सिख धर्म का गठन भी हुआ था। और गुरु नानक देव जी ने ही एक धार्मिक नव प्रवर्तक को जन्म दिया था और इन्होंने अपनी शिक्षाओं को फैलाने के लिए दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व में यात्राएं भी किया था।

गुरु नानक देव  (Guru Nanak Dev) जी ने एक भगवान के अस्तित्व की वकालत किया और अपनी नो को सिखाया कि हर एक इंसान ध्यान और अन्य पवित्र प्रथाओं के माध्यम से भगवान तक आसानी से पहुंच सकता है। अपनी अनुयायियों से ईमानदार गृहस्थ के जीवन का नेतृत्व करने के लिए भी कहा था उनकी शिक्षाओं को 974 भजनों के रूप में अमर किया गया था जिसे सिख धर्म के पवित्र पाठ "गुरु ग्रंथ साहिब" के नाम से जाना जाता है।

गुरु नानक देव जी की मृत्यु  (Guru Nanak's Death)

ऐसा बताया जाता है कि गुरु नानक देव  (Guru Nanak Dev) अपनी शिक्षाओं के माध्यम से हिंदुओं और मुस्लिम दोनों के बीच में अधिक ज्यादा लोकप्रिय हो गए थे और गुरु नानक  (Guru Nanak) एक ऐसे आदर्श थे कि दोनों समुदायों ने इसे अपना आदर्श माना अपने जीवन के अंतिम दिनों में गुरु नानक देव जी बहुत लोकप्रिय हुए थे।

 गुरु नानक देव  (Guru Nanak Dev) जी ने करतार पर नमक नगर भी बसाया था और वहां एक धर्मशाला भी बनवाया था, उन्होंने अपने धर्मशाला का नाम गुरु द्वारा रखा था। 22 सितंबर 1540 में गुरु नानक देव का निधन हो गया। अपनी मृत्यु के पहले गुरु नानक देव  (Guru Nanak Dev) ने अपनी परम भक्त और शिष्य लहंगा को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया जो बाद में गुरु आनंद देव के नाम से प्रसिद्ध हुए।

गुरु नानक जयंती 2023 (Guru Nanak Jayanti 2023)

गुरु नानक देव  (Guru Nanak Dev) जी का शुभ त्यौहार जिसे गुरु नानक का प्रकाश उत्साह या गुरु नानक जयंती  (Guru Nanak Jayanti) भी कहा जाता है यह सिख धर्म के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक माना जाता है 10 सिख गुरुओं में से पहले और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव  (Guru Nanak Dev) जी की जयंती का प्रतीक है इस अवसर को उत्कृष्ट भक्ति आध्यात्मिक समारोह हूं और सिर्फ धर्म के पवित्र गुरु ग्रंथ साहब के भजनों के पाठ के साथ मनाया जाता है।

 गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) के दिन उत्कृष्ट भक्ति आध्यात्मिक समारोह और धार्मिक पवित्र ग्रंथ ऑन के भजन कीर्तन के माध्यम से इस त्यौहार को मनाया जाता है। इस दिन न केवल गुरु नानक देव  (Guru Nanak Dev) जी की शिक्षा और ज्ञान का सम्मान करते हैं बल्कि सिद्ध दर्शन के मूल सिद्धांतों को मूर्ख रूप देते हुए एकता समानता और निस्वार्थ सेवाओं को भी बढ़ावा देता है।

गुरु नानक जयंती क्यों मनाई जाती है (Why is Guru Nanak Jayanti celebrated?)

आई दोस्तों अब बात कर लेते हैं कि गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) आखिरकार क्यों मनाई जाती है तो दोस्तों आपको बता दें कि धार्मिक सूत्रों का कहना है की तलवंडी ननकाना साहिब वह जगह है जहां गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में हुआ था। गुरु नानक देव  (Guru Nanak Dev) जी के माता-पिता तृप्ता देवी और कालूराम मेहता जी खत्री परिवार से थे। जिन्होंने अक्सर कालूराम चंद दास बेदी के नाम से जाना जाता था। आपको बता दें कि उन्होंने चंदा रानी और मूलचंद की बेटी सुलखनी देवी से शादी की थी उनके बच्चों को श्री चंद जी और लख्मीचंद की कहा जाता था।

श्री गुरु नानक देव  (Guru Nanak Dev) जी अपने अंतिम समय में करतारपुर के करीब बस गए थे जहां उन्होंने अपना एक नगर भी बसाया था जी नागर को बसाया था। उसी नगर में गुरु नानक देव  (Guru Nanak Dev) जी की मृत्यु हुई थी। गुरु नानक देव जी को मानवता में ज्ञान लाने और सिख धर्म की नींव रखने का श्रेय दिया जाता है यह उत्सव उनके जीवन उपलब्धियां और विरासत का सम्मान करते हुए मनाया जाता है उन्हें याद किया जाता है।

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