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स्कूल को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, अब बच्चों को स्कूलों में नहीं पढ़ाया जाएगा | Government's big decision regarding school, now children will not be taught in schools

 तो दोस्तों मैं आपको बताना चाहता हूं कि सरकार ने बहुत ही बड़ा फैसला का ऐलान किया है जिसमें कि बच्चों को शिक्षा नहीं दिया जाएगा!




अब आपके मन में यह सवाल उत्पन्न हो रहा होगा कि आखिर बच्चों को शिक्षा क्यों नहीं दिया जाएगा? इसका कारण क्या है? और अगर बच्चों को शिक्षा नहीं दिया जाएगा तो हमारे देश का विकास कैसे हो पाएगा?

तो दोस्तों मैं बताना चाहूंगा कि सरकार ने इस को डायरेक्ट रूप से अनाउंसमेंट करके नहीं बताया है बल्कि उन्होंने एक इशारे के तौर पर यह कहा है कि अब बच्चों को शिक्षा नहीं दिया जाएगा! अब आप सोच रहे होंगे कि सरकार ने जब इसे डायरेक्ट नहीं बोला है तो मैं कैसे कह सकता हूं कि इसको इनडायरेक्ट रूप से बोला है और उस भाषा को मैं कैसे समझ गया कि सरकार अब बच्चों को शिक्षा नहीं देना चाहती है ।

तो हमें सरकार के इशारे को समझने के लिए कुछ समय पीछे जाना पड़ेगा । कुछ समय पहले सरकार ने लॉक डाउन का घोषणा किया था जिसमें सभी कार्य को बंद कर दिया गया था जहां पर भीड़ होता हो जिस कार्य को करने से भीड़ इकट्ठी होता हो। और इसका पालन पूरे भारत के नागरिक करते थे। यहां तक कि लॉकडाउन के वजह से शादी भी सिर्फ दूल्हा दुल्हन और कोई एक उसके परिवार वाला मतलब 2 ही 3 लोगों के बीच में ही हो रहा था। लगभग पूरा देश का काम बंद था सिर्फ लॉक डाउन की वजह से। 


लेकिन जहां आज लगभग सारे कार्य जो है शुरू हो चुकी हैं लेकिन सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण चीज जो सबसे पहले शुरू होना चाहिए वही अभी तक शुरू नहीं हुआ है। सोचिए आखिर वह क्या चीज है? वह कौन सा कार्य है जो अभी तक स्टार्ट नहीं हुआ है? आप नहीं सोच पाए कोई बात नहीं मैं आपको बताना चाहूंगा कि वह महत्वपूर्ण कार्य कौन सा है जो सबसे पहले स्टार्ट होना था वह अभी तक स्टार्ट नहीं हुआ है?


जहां आज बड़े-बड़े मार्केट  स्टार्ट हो गया बड़े-बड़े कारखाने स्टार्ट हो गए लगभग और तो और बड़ी-बड़ी तीर्थ यात्राएं शुरू हो गई शुरू हो गई। ये वो उदाहरण है जहां पर भीड़ इकट्ठे हो ते है जिससे कि कोरोनावायरस फैलने की संभावना अधिक है। शादी ब्याह हो रहा है किसी को कोरोनावायरस नहीं हो रहा है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण कार्य वह है शिक्षा वह आज तक शुरू क्यों नहीं हुआ ?  क्या ऐसे में हमारा देश विकास कर सकता है उन्नति की ओर बढ़ सकता है?

अब आप लोग बोलेंगे कि शिक्षा तो स्टार्ट हो गए ऑनलाइन । तो चलो हम मान लेते हैं हां स्टार्ट हो गए हैं ऑनलाइन आप पढ़ा रहे हैं तो क्या आप बता सकते हैं कि आपके जो स्कूल में जितने बच्चे आते थे । उतनी बच्चे क्या ऑनलाइन आपके क्लास अटेंड करते हैं ? क्या उनमें वही रूचि है जो इस स्कूल में होता था ?  क्या आपको लगता है कि आप उतनी ही शिक्षा  दे सकते हैं जितनी आप स्कूल में दे सकते थे? बिल्कुल नहीं आप कदापि नहीं कर सकते ना ही ऐसे में बच्चों का विकास हो पाएगा ? 

जब वह सारे कार्य शुरू हो गई हैं जिन से भीड़ इकट्ठे होते हैं और वहां पर कोई भी कोरोनावायरस का शिकार नहीं हो रहा है । तो क्या यह स्कूल या कॉलेज में ही कोरोनावायरस है जहां बच्चों के जाने से क्या बीमारी बढ़ने लगेगा? ऐसे तैसे करके तो पूरा साल निकल ही गया ।  बच्चों का 1 साल बर्बाद ही हो गया समझो । सोचिए बच्चे एक साल में अपने विवेक का कितना विकास कर लेते हैं? आपको क्या लगता है ऐसे में हमारा देश उन्नति कर सकता है? बिल्कुल नहीं ऐसे में हमारा देश और देशों से बिल्कुल पिछड़ जाएगा और पिछड़ी रहा है क्योंकि शिक्षा जीवन का आधार है । और बिना शिक्षा के हमारा देश क्या कोई भी देश हो विकसित नहीं हो सकता उन्नति नहीं कर सकता? 

इसलिए मैं सरकार से अपील करता हूं कि वह जल्द से जल्द स्कूल और कॉलेजों को खोलने की घोषणा करें ताकि हमारा देश तरक्की कर सके , उन्नति कर सकें और विकसित हो सके?

आशा करता हूं कि आप समझ गए होंगे कि इस पोस्ट को लिखने का मेरा उद्देश्य क्या था ? और अगर आपको इस टॉपिक से रिलेटेड कोई भी अपना राय देना हो तो आप कमेंट में दे सकते हैं । और साथ ही आप अगला टॉपिक किस विषय पर चाहते हैं उसके लिए भी आप कमेंट कर दीजिए।



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